कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को कार्तिक पूर्णिमा मनाई जाती है। हिंदू धर्म में इस का विशेष महत्व है। ये वर्ष के आखिरी माहिनो में आता है। इस माह में बड़े-बड़े त्यौहार मनाए जाते हैं। इस दिन व्रत रखकर पूजा पाठ करते हैं. कार्तिक पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र नदियों में स्नान करने का विधान है।
कार्तिक पूर्णिमा का शुभ दिन 2023
इस वर्ष 29 अक्टूबर से 2023 में कार्तिक महीना की शुरुवात हो रही है, एवं यह महिना 27 नवंबर 2023 को ख़त्म हो जायेगा। इसके बाद अगगन माह शुरू हो जाएगा।
कार्तिक पूर्णिमा 2023 का मुहूर्त?
कार्तिक पूर्णिमा 26 नवंबर दोपहर 3:53 बजे से शुरू होगी, जोकि अगले दिन 27 नवंबर दोपहर 2:45 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा 27 नवंबर को मनाई जाएगी और इसी दिन पूर्णिमा व्रत सत्यनारायण भगवान की पूजा और कार्तिक गंगा स्नान दान करना उत्तम रहेगा. इस दिन सत्यनारायण व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 9:30 बजे से 10:49 बजे तक है। इसके साथ ही प्रदोष काल में दीपदान का शुभ मुहूर्त शाम 5:24 बजे से रात्रि 7:05 बजे तक है। वहीं, पूर्णिमा तिथि के दिन सुबह 5:05 से सुबह 5:58 तक स्नान करना बेहद शुभ रहेगा। इस शुभ समय में स्नान करने से दोगुना लाभ होगा।
कार्तिक माह महत्व (Importance of Kartik Month)
हिंदी पंचांग माई कार्तिक का महीना आठवा महीना है। कार्तिक महिने में दामोदर भगवान की पूजा की जाती है। ये शरद पूर्णिमा से शुरू हो कर कार्तिक पूर्णिमा तक चलता है जिसके बीच में काई विशेष त्यौहार आता है।
- इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र नदी में स्नान किया जाता है। यह स्नान कुंवारी एवं वेवाहिक दोनों ही महिलाओं के लिए श्रेष्ठ माना गया है।
- इस माह की एकादशी जिसे प्रबोधिनी एकादशी अथवा देव उठनी एकादशी कहा जाता हैं इसका सर्वाधिक महत्व होता है, इस दिन भगवान विष्णु चार माह की निंद्रा के बाद उठते हैं जिसके बाद से मांगलिक कार्य शुरू किये जाते हैं।
- हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसर इस महीने में पूजा पाठ और उपवास से जीवन में वैभव की प्राप्ति होती है। ऐसा भी माना जाता है कि इस महीने में कोई अगर तप करता है तो मोक्ष की प्राप्ति होती है। विष्णु भगवान ने स्वयं ब्रह्मा जी से कहा था कि इस माह का श्राद्ध पालन करने से दिन दुखियों का उद्धार होता है और रोगियो के रोग दूर होते हैं तथा जीवन की विलासिता से मुक्ति मिलती है।
कार्तिक माह में दीपदान का महत्व (Deepdaan in Kartik Month)
कार्तिक पूर्णिमा में दीप दान किया जाता है। ये शरद पूर्णिमा से कार्तिक पूर्णिमा तक चलता है। इस दिन पवित्र नदियो, मंदिरो में दीप जलये जाते हैं और आकाश में भी दीप छोड़े जाते हैं। दीप दान के पीछे का सार यह हैं कि इससे घर में धन आता हैं। कार्तिक में लक्ष्मी जी के लिए दीप जलाया जाता हैं और संकेत दिया जाता हैं अब जीवन में अंधकार दूर होकर प्रकाश देने की कृपा करें। कार्तिक में घर के मंदिर, वृंदावन, नदी के तट एवम शयन कक्ष में दीपक लगाने का माह्त्य पुराणों में निकलता हैं।
कार्तिक माह से तुलसी का महत्व (Kartik maah mai Tulsi ka Mahtav)
कार्तिक माह में तुलसी की पूजा की जाती है। तुलसी के पत्ते खाए जाते हैं जिस से शरीर निरोगी बनता है। ब्राह्म मुहूर्त माई उथ क्र सूर्य भगवान और तुलसी के पोधे पीआर जल चढ़ाया जाता है जिस से यश बढ़ता है। कार्तिक माह में तुलसी के पेड़ का दान भी किया जाता है। तुलसी के अनेको गुण और फायदे पढ़ने के लिए क्लिक करें।
कार्तिक माह पूजा की विधि और नियम (Kartika Maah Puja Vidhi):
कार्तिक माह में कई तरह के नियमो का पालन किया जाता है, जिससे मनुष्य के जीवन में त्याग एवम सैयम के भाव उत्पन्न होते हैं.
- पुरे माह मॉस, मदिरा आदि व्यसन का त्याग किया जाता हैं. कई लोग प्याज, लहसुन, बैंगन आदि का सेवन भी निषेध मानते हैं.
- इन दिनों फर्श पर सोना उपयुक्त माना जाता हैं कहते हैं इससे मनुष्य का स्वभाव कोमल होता हैं उसमे निहित अहम का भाव खत्म हो जाता हैं.
- कार्तिक में ब्रह्म मुहूर्त में स्नान किया जाता हैं.
- तुलसी एवम सूर्य देव को जल चढ़ाया जाता हैं.
- काम वासना का विचार इस माह में छोड़ दिया जाता हैं.ब्रह्मचर्य का पालन किया जाता हैं.
इस प्रकार पुरे माह नियमो का पालन किया जाता हैं.
You also like: महाराजा अग्रसेन जी का इतिहास और सिद्धांत एवम अनमोल वचन 2023
कार्तिक माह में भजन
कार्तिक माह में श्रद्धालु लोग मंदिरो और घरो में भजन करवाते हैं। आज कल ये कार्य भजन मंडलियों से करवाये जाते हैं। इन दिनों रामायण पाठ, भगवत गीता पाठ आदि का भी बहुत महत्व होता हैं. इन दिनों खासतौर पर विष्णु एवम कृष्ण भक्ति की जाती हैं। इसलिए गुजरात में कार्तिक माह में अधिक रौनक दिखाई पड़ती हैं।
कार्तिक कथा (Kartika Katha):
कार्तिक के समय भगवान विष्णु ने देवताओ को जालंधर राक्षस से मुक्ति दिलाई थी, साथ ही मत्स्य का रूप धरकर वेदों की रक्षा की थी. इस प्रकार कार्तिक में कई कथायें हैं। कार्तिक माह में कई विशेष तिथी एवम कथाये होती हैं जो निम्नानुसार हैं :
कार्तिक माह के त्यौहार (Festival of Kartik Month)
1 | करवाचौथ : कृष्ण पक्ष चतुर्थी |
2 | अहौई अष्टमी एवम कालाष्टमी : कृष्ण पक्ष अष्टमी |
3 | रामा एकादशी |
4 | धन तेरस |
5 | नरक चौदस |
6 | दिवाली, कमला जयंती |
7 | गोवर्धन पूजा अन्नकूट |
8 | भाई दूज / यम द्वितीया : शुक्ल पक्ष द्वितीय |
9 | कार्तिक छठ पूजा |
10 | गोपाष्टमी |
11 | अक्षय नवमी/ आँवला नवमी, जगदद्त्तात्री पूजा |
12 | देव उठनी एकदशी/ प्रबोधिनी |
13 | तुलसी विवाह |
ये सभी कार्तिक माह में आने वाले प्रमुख त्यौहार हैं। पूरे माहिने त्यौहार मनाये जाते हैं। इस महिने पूजा पाठ, भगवत गीता आदि सुनने का भी विशेष महत्व है। कार्तिक के पूरे माहिने श्रद्धालू नियमो में बंध कर भक्ति भाव से ईश्वर की भक्ति से जुड़ा रहता है।
FAQ (Frequently Asked Question)
Q 1 : कार्तिक माह की शुरुआत कब से है?
Ans : 29 अक्टूबर से
Q 2 : कार्तिक माह का दिन और तारीख क्या है?
Ans : 27 नवंबर को
Q 3 : कार्तिक माह में कौन कौन से बड़े त्यौहार आते हैं ?
Ans : दीपावली, धनतेरस, भाई दूज, तुलसी विवाह, आंवला नवमी
Q 4 : दीपावली किस दिन है?
Ans : 12 नवंबर
अन्य पढ़े:
- वैकुण्ठ चतुर्दशी की कथा एवम पूजा विधि
- भुवनेश्वरी देवी जयंती
- गुरु रविदास का जीवन परिचय व जयंती
- अक्षय आंवला नवमी पूजा विधि कथा महत्व
Purnima पूर्णिमा U&I की की एडिटर हैं इनकी रूचि हिंदी भाषा में हैं। यह U&I के लिए बहुत से विषयों पर लिखती हैं। इन्हें हमारे दर्शकों का बहुत प्यार और स्नेह मिलता है और इनके प्रयासों से हम निरंतर आगे बढ़ रहे हैं। |